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Showing posts from September, 2022

असहयोग आन्दोलन के कारण, परिस्थितियाँ, परिणाम और महत्व

Asahyog Andolan  दक्षिण अफ्रीका में महात्मा गांधी ने सत्याग्रह के अपने विशिष्ट दर्शन को मूर्तरूप देने में सफलता प्राप्त की तथा उसके प्रति दृढ़ आस्था और विश्वास के साथ वे स्वदेश वापस आए थे। किसी भी प्रकार के दमन अत्याचार और अन्याय के बीच प्रतिरोध का वह उनका अहिंसात्मक उपाय था।  यहां यह बात उल्लेखनीय है कि सत्य और अहिंसा गांधीजी के जीवन दर्शन के आधारभूत तत्त्व थे। वे दोनों ने अटूट और अविच्छिन्न सम् मानते थे एवं यही कारण था कि उन्होंने इन्हीं को अपने सभी संघर्षों अर्थात् आन्दोलनों का आधार है सत्य से उनका मतलब उस बात को स्वीकार करना था जिसे अपनी आत्मा सही कहे। Asahyog Aandolan  उनका तात्पर्य अहिंसा से अति व्यापक था। हत्या, मारपीट, तोड़फोड़ तथा दूसरे हिसात्मक कार्यों को बनाया। किसी को किसी भी प्रकार का कष्ट देना की ही वह केवल हिंसा नहीं मानते थे। उनके अनुसार मन, वचन और कर्म देना हिंसा है। अहिंसा की अपनी अवधारणा के अनुसार विरोधी के मन वह हिंसा मानते थे। सत्य पर आधारित उनका अहिंसात्मक संघर्ष ही 'सत्याग्रह' है । असहयोग आंदोलन कब हुआ? asahyog andolan kab hua  शान्तिपूर्ण हड़ताल, प्रदर्श