Skip to main content

आलसी बंदर Baccho Ki Kahaniyan

चंदन वन में चीटियों का एक परिवार रहता था। परिवार के सभी सदस्य 

मेहनती थे। वे सुबह होते ही काम पर चले जाते। वन के आस-पास वे खूब 

मेहनत करते और दिन ढलने से पहले घर वापस लौट आते।


Baccho ki kahani, bandar ki kahani
Baccho ki kahani


एक बार बंदरों का एक परिवार चंदन वन में आया। परिवार के मुखिया को 

वन बहुत सुन्दर लगा उसने देखा  कि यहाँ खाने-पीने की काफ़ी चीज़ें हैं, 

इसलिए परिवार के साथ यहीं रहना चाहिए।

बंदरों का परिवार चंदन वन में रहने लगा।


परिवार का मुखिया आलसी था। वह कोई काम नहीं करता था। जब

उसके बच्चे भोजन के लिए शोर मचाते, तो वह उनसे

कहता-" पेड़ पर चढ़ो, जो फल पसंद आए तोड़कर खा लो.

लेकिन मेरा पीछा छोड़ो।"

बंदरों का मुखिया बच्चों को उनके  हाल पर छोड़कर, सज-धजकर सैर 

करने निकल जाता। परिवार के प्रति

 उसकी लापरवाही देखकर चीटियों को अच्छा नहीं लगता था। एक दिन

 एक चीटी ने बंदर को

समझाते हुए कहा-"अपने परिवार के प्रति लापरवाही अच्छी वात नहीं

है। बरसात का मौसम आने वाला है, तब तक अपने

बच्चों के लिए एक घर ही बना लो।"

Baccho ki kahani, bandar ki kahani
Baccho ki kahani

"तुम्हें मेरे बच्चों की चिंता करने

की ज़रूरत नहीं है," बंदर ने कठोर स्वर में उत्तर

दिया-"तुम अपने बच्चों की चिंता करो। "


चींटी समझ गई कि आलसी बंदर को सलाह देने से कोई फ़ायदा नहीं है।

वह  अपने

रास्ते चली गई। उसे अपने परिवार के लिए भोजन की व्यवस्था करनी थी। 
उसके

पास व्यर्थ बातों के लिए समय नहीं था।

कुछ समय बाद चंदन वन के पेड़ों के फल समाप्त हो गए। उनके पत्ते 

झड़ने लगे।

 बंदर के बच्चे। भोजन की तलाश में इधर-उधर भटकने लगे। अपने बच्चों 

को। भूख से बिलखते देखकर बंदर को बहुत दुख हुआ। अचानक बारिश 

शुरू हो गई। बंदर अपने बच्चों के साथ पेड़ पर चढ़ गया, परंतु,

वहाँ भी बारिश से बचाव न हो सका। उसने देखा

कि चींटियों का परिवार अपने घर में सुरक्षित

है और उसके पास भोजन की भी कमी नहीं है।

बंदर अपने बच्चों के साथ पेड

पर सिकुड़ा बैठा था।

Baccho ki kahani, bandar ki kahani
Baccho ki kahani


 वह अपने

परिवार की ऐसी दशा देखकर दुखी

था-"अपने परिवार की इस

हालत का ज़िम्मेदार मैं खुद

हूँ। यदि मैंने मेहनत की होती,

अपने परिवार के लिए एक 

घर बनाया होता, तो आज 

हमें इस प्रकार दुखी न होना पड़ता।


बच्चों की कहानी अब, आपकी बारी

Baccho ki kahani

बताइए


1. चींटियों के परिवार के सदस्यों का स्वभाव कैसा था?

2. बंदरों के मुखिया ने चंदन वन में रहने का निर्णय क्यों किया?

3. बंदरों के परिवार के मुखिया का स्वभाव कैसा था?

4. चींटी ने बंदर को समझाते हुए क्या कहा?

5. बंदर को क्या देखकर दुख हुआ?

6. अपने परिवार की बुरी दशा देखकर बंदर क्या सोच रहा था?

Comments

Popular posts from this blog

AWPL Login मत करना जब तक यह ना जान लो

AWPL Login AWPL लॉगिन करने से  पहले आपको कंपनी में बतोर डायरेक्ट सेलर पंजीकरण करना होगा ।  इसके लिए आप Asclepius Wellness Private Limited के किसी पुराने डायरेक्ट सेलर से मिल सकते हैं  या आप AWPL की Official Website  asclepiuswellness.com पर जाकर ऑनलाइन फॉर्म भर सकते है।   AWPL Login याद रहे AWPL Joining fees के तीन पैकेज हैं जिनको आगे विस्तार से बताया गया है जब आप का रजिस्ट्रेशन हो जाएगा उसके बाद ही आप एडब्ल्यूपीएल लॉगइन  कर सकते हो अगर आप ने रजिस्ट्रेशन कर लिया हैं और आप  एडब्ल्यूपीएल लॉगिन  करना चाहते हैं तो  https://asclepiuswellness.com/login.html  इस लिंक पर क्लिक करके आप asclepius लॉगिन  कर सकते हैं वहा पर आपको awpl id and password भरना होगा लेकिन हमारी सलाह यही हैं कि आप AWPL Login id करने से पहले इस आर्टिकल को पूरा जरुर पढ़े कंपनी ने अपनी ऑफिसियल वेबसाइट पर यह डाल रखा है मतलब कि कंपनी इन बातोँ को मानने से मना करती हैं आपको लॉग इन से पहले इनका ध्यान रखना होगा awpl-login-Disclaimer For Zoom Click on Image आपके लिए यह जानना भी जरूरी हैं :- Awpl कंपनी कहती है कि एडब्ल्यूपीएल प्र

Mi lifestyle Joining Fees - Full Plan

Mi lifestyle Joining Fees आज कि इस पोस्ट में हम  Mi lifestyle Joining Fees  पर मुख्य चर्चा करेगे  बहुत से लोगों को मन में एक प्रशन हमेशा रह जाता है  Mi lifestyle Joining Fees  क्या हैं  हम बता दे कि mi lifestyle joining fees कुछ भी नहीं हैं कंपनी आपसे कोई joining fees नहीं मांगती है सिर्फ आपको जो मन करे वो product buy करना हैं उसी को आप  Mi Lifestyle Joining Fees  बोल सकते है   सपनों को, संकल्पों को पूरा करने के लिए सही रास्ते के चुनाव की जिम्मेदारी खुद आपकी है, किसी और की नहीं। जरूरी है, मंजिल और उस तक पहुंचने के रास्तों का चुनाव करना। Mi Lifestyle Global Marketing भारत में Business अच्छी speed से फैला रही है और बहुत से लोग इससे जुड़े भी है। Mi lifestyle Joining Fees

इंडिया में ऑनलाइन मैगजीन बिजनेस!

How to start  Online Magazine Business  in hindi आज इस पोस्ट के माध्यम से हम जानेंगे : How to start Online Magazine Business in hindi , और इंडिया में ऑनलाइन मैगजीन का बिजनेस कैसे करें? ऑनलाइन मैगजीन बिजनेस में क्या लागत आती है अथवा कितना लाभ होता है? जिसे हम कह सकते हैं How to make money by Magazine Business in India? जैसा कि आप सभी जानते ही हैं। भारत में एक बहुत बड़ी जनसंख्या है जो कि सुबह उठते ही न्यूज़पेपर या मैगजीन पढ़ना चाहती है। समाज में और उनके आसपास क्या चल रहा है इस चीज को लोग रोज़ जानना चाहते हैं। इसी के लिए ऑनलाइन मैगजीन का बिजनेस एक बहुत अच्छा माध्यम हो सकता है। आजकल यह काफी लोकप्रिय होता जा रहा है। ऑनलाइन मैगजीन बिजनेस के फायदे! Benefits of online magazine business. स्टेबिलिटी! सबसे पहले तो हम आपको यह बता दें। Online Magazine business एक लंबे समय तक चलने वाला बिजनेस है क्योंकि ऑनलाइन की तरफ दुनिया बढ़ती जा रही है। जैसे-जैसे ऑनलाइन का बिजनेस बढ़ेगा उसी तरह ऑनलाइन मैगजीन का बिजनेस भी पड़ेगा। इसमें सिर्फ आपको आर्टिकल पब्लिश करते रहना होगा। इंटरेक्शन! ऑनलाइन मैगजीन बिजनेस का