Hindi Kahani - घमंडी साँप और संगठन का बल

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किसी बगीचे में एक सॉप रहता था। वह बहुत ज़हरीला था। बगीचे में तोता, कोयल, कबूतर और मैना के परिवार भी रहते थे। सारे पक्षी साँप से डरते थे। साँप जब भी अपने बिल से बाहर निकलता, सारे पक्षी पेड़ों पर छिपकर बैठ जाते। साँप जानता था कि सभी उससे डरते हैं साँप बिना भय के पूरे बगीचे में घूमता था। एक दिन उसकी माँ ने उसे समझाया कि


Baccho ki Kahani
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अभी वह छोटा है, इसलिए बगीचे से बाहर न जाए, लेकिन साँप ने अपनी माँ की

बात नहीं मानी। उसी दिन वह बगीचे से बाहर चला गया। बगीचे के पास एक तालाब था। उसमें एक बतख तैर रही थी। सॉप उसकी तरफ़ बढ़ा तो वह, डरकर भाग गई। साप बहुत खुश हुआ। वह सोचने लगा कि उसमें बहुत ताकत है, इसलिए बड़े-बड़े पक्षी भी उससे डरते हैं।



 तालाब की सैर करके साँप वापस बगीचे में लौट आया। उसने अपनी माँ 

को बताया कि बड़े-बड़े पक्षी भी उससे डरते हैं, इसलिए वह कहीं भी घूमने जा सकता है।

उसकी माँ ने उसे समझाते हुए कहा-"अपनी ताकत पर ज्यादा घमंड मत 

करो। इस दुनिया में तुमसे भी ज्यादा ताकतवर हैं। मेरी तुम्हें सलाह है कि हमेशा बाज़, मोर और नेवले से सावधान रहना।" साँप ने अपनी माँ की बात पर ध्यान नहीं दिया वह खुद को सबसे ज्यादा ताकतवर मानने लगा। वह सीना तानकर बगीचे में घूमता और अपनी फुफकार से पक्षियों को
डराता।

 पक्षियों को भयभीत देखकर उसे बहुत खुशी होती थी। जब उसे भूख लगती, तो वह किसी भी पेड़ पर चढ़कर पक्षियों के अंडे निगल लेता। जब बगीचे में उसे ऊब होने लगती, तो वह लंबी सैर के लिए बगीचे से बाहर चला जाता।

एक दिन सॉप की माँ ने उसे सचेत करते हुए कहा-" बगीचे के बाहर कुछ नेवले घूम रहे हैं, इसलिए आज तुम बाहर घूमने मत जाना।"

साँप ने अपनी माँ की चेतावनी को अनसुनी कर दिया। वह बिना डर के बगीचे से बाहर निकला।

आज वह तालाब में तैरना चाहता था, इसलिए वह तालाब  की तरफ बढ़ने लगा अचानक उसके सामने एक नेवला आ गया। साँप को 

देखते ही नेवला हमले के लिए तैयार हो गया। लेकिन अपनी ताकत के घमण्ड  में डूबा साँप सोच रहा था-बड़़े बड़े पक्षी मुझ्से डरते है, यह छोटा सा नेव ला मेरा क्या विगाड़ सकता है । तभी नेवले ने साँप पर

आक्रमण कर दिया। उसने साँप की गरदन को अपने दाँतों में जकड़

लिया। साँप को नेवले की ताकत का अनुमान नहीं था 

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उसके आक्रमण से वह घबरा गया।

उसने अपने प्राण बचाने की

बहुत कोशिश की, लेकिन

नेवले ने उसे तब तक नहीं

छोड़ा, जब तक उसके

प्राण नहीं निकल गए।

 कहानी , अब आपकी  बारी


बताइए


1. साप को अपनी ताकत पर घमंड बयों हो गया था?

2. साँप ने अपनी माँ को क्या बताया?

3. साँप की माँ ने उसे क्या सलाह दी?

4 साँप की माँ ने उसे सचेत करते हुए क्या कहा ?

5, साँप को क्या देखकर बहुत खुशी होती थी ?

6, नेवले को देखकर साँप ने क्या सोचा?

7. साप नेवले के आक्रमण से क्यों घबरा गया?




संगठन का बल (  बच्चों की कहानी - 10 )



किसी जंगल में चूहों के कई परिवार रहते थे। वहाँ उन्हें किसी से कोई खतरा नहीं था था , इसलिए सारे चूहे बिना डर के जंगल में घूमते थे जंगल में आम , अमरुद आदि फलों के अनेक पेड़ थे। चूहों को जब भी भूख लगती, वे पेड़ों पर चढ़ जाते और अपनी-अपनी पसंद के फल खाकर पेट भर लेते। जंगल में चूहे सुखपूर्वक जीवन बिता रहे थे।

एक दिन एक बिल्ली जंगल से गुज़री। वहाँ चूहों को देखकर वह खुश हो गई। वह एक पेड़ के पीछे छिपकर बैठ गई और चूहों का निरीक्षण करने लगी। उसने अनुमान लगाया कि चूहों की संख्या बहुत अधिक है, इसलिए वह काफ़ी दिन वहाँ रह सकती है। उसने रात के समय शिकार करने का फ़ैसला किया।

बिल्ली रात में शिकार पर निकली।

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एक ही रात में वह कई चूहे खा.

गई। चूहों का मुखिया बहुत

अनुभवी था। अचानक चूहों

की संख्या कम होने से उसे

संदेह हुआ। उसने चूहो

की एक सभा बुलाई और


सबको संबोधित करते हुए

कहा-"मुझे शक है कि हमारा कोई शत्रु जंगल में आ गया है। हमे उस शत्रु से

बचाव का उपाय करना होगा।"

मुखिया की देख-रेख में चूहों ने अपने दुश्मन  को खोजना शुरू कर दिया। 

एक चूहे ने

बिल्ली को तालाब पर पानी पीते हुए देख लिया। वह तभी दौड़ा-दौड़ा 

मुखिया के पास

गया और उसे बिल्ली के तालाब पर होने की खबर दी।

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मुखिया ने चूहों की सभा बुलाई और सबको बताते

हुए कहा-"एक बिल्ली जंगल में आ चुकी है।

वही हमारे साथियों का शिकार कर रही है।

हमें अपनी जान बचाने के लिए बिल्ली

को सबक सिखाना होगा।"

"लेकिन हम बिल्ली से

मुकाबला कैसे

सकते हैं?" एक चूहे

ने पूछा-"वह तो बहुत

ताकतवर है।"

'चिंता मत करो और हिम्मत से काम लो," मुखिया ने चूहों की हिम्मत 

बढ़ाते हुए

कहा

मुखिया ने चूहों के साथ मिलकर एक योजना बनाई। रात में कुछ 

नौजवान 

चूहे 

छिपकर बैठ गए। उन्हें यह पता करना था कि बिल्ली किस रास्ते से 

जंगल 

में आती हैं 

कुछ समय बाद बिल्ली ने जंगल में प्रवेश किया वह काफी देर तक अपने 

शिकार के इन्तजार में बैठी रही। अंत में वह निराश होकर वापस चली गई।

अगली सुबह नौजवान चूहों ने मुखिया को बिल्ली के आने-जाने के रास्ते 

की जानकारी

दी। यह सुनकर मुखिया ने सब चूहों को काम पर लगा दिया। उन्होंने 

मिल-जुलकर

बिल्ली के रास्ते में कई गहरे गड्ढे खोद दिए। मुखिया के कहने पर उन 

गड्ढों को

घास-फूस से ढक दिया गया।

रात में सारे चूहे पेड़ो पर छिपकर बैठ गए वे बेताबी से बिल्ली का इंतजार

 कर रहे थे। कुछ समय बाद बिल्ली दबे पाँव वहाँ पहुँची। वह दो-तीन 

कदम 

ही आगे

बढ़ा पाई थी कि अचानक एक गहरे गड्ढे में गिर गई। सारे

चूहे कूद-कूदकर पेड़ों से नीचे उतर गए। उन्होंने तेज़ी

से बिल्ली के गड्ढे को मिट्टी से भरना शुरू कर दिया।

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 बिल्ली अपनी जान बचाने के लिए

चिल्ला रही थी। कुछ समय बाद उसकी

आवाज आनी बंद हो गई। गहरे गड्ढे

में मिट्टी से दबकर उसकी मौत

हो गई थी। सारे चूहे मिलकर

अपनी जीत की खुशी मना रहे

थे। उन्हें विश्वास हो गया था

कि मिल-जुलकर किसी भी

समस्या को दूर किया जा

सकता है।

बच्चों की कहानी अब , आपकी बारी


बताइए


1. जंगल में चूहे अपना जीवन कैसे बिता रहे थे?

2. बिल्ली ने चूहों को देखकर क्या अनुमान लगाया?

3. मुखिया ने चूहों की सभा क्यों बुलाई?

4. रात में नौजवान चूहे छिपकर क्यों बैठ गए?

5, बिल्ली के रास्ते में गड्ढे किसने खोदे?

6 बिल्ली की मृत्यु कैसे हुई?

7. चूहों को क्या  विश्वास हो गया था?



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