Skip to main content

Posts

Showing posts from March, 2020

Hindi Stories - बेबी का मेकअप चोर और खजाना

आज हम आपको 2 बच्चों की कहानियाँ (Hindi Stories) सुनाने जा रहें है। इसमें पहली कहानी हैं बेबी और मेकअप और दूसरी कहानी (Story) है चोर और खजाना, तो चलिए शुरू करतें हैं 1st of Hindi Stories बेबी का मेकअप                  बहुत समय पहले किसी शहर में एक छोटा सा परिवार रहता था। परिवार में बेबी नाम की 7 साल की बच्ची अपने मम्मी पापा के साथ रहती थी।  बेबी की मम्मी बहुत सुंदर थी और वह बहुत अच्छा मेकअप भी करती थी बेबी को अपनी मम्मी का मेकअप बहुत अच्छा लगता था  । बेबी ने कहा   "मम्मी मैं भी आपकी तरह मेकअप करना चाहती हूं।"  इस पर मम्मी गुस्सा हो गई और डाटते हुए बोली बेबी मेकअप बड़ों की चीज है।  बेबी का माँ मेकअप करते हुए

Baccho Ki Jadui Kahaniya Hindi - Magical Stories in Hindi

आज हम आपको Baccho Ki Jadui Kahaniya in Hindi (Magical Stories) सुना रहें हैं ये तीनों कहानियाँ जादुई हैं क्योंकि बच्चों को Jadui Story in HIndi बहुत पसंद होती हैं और बच्चों के लिए बहुत ही रोचक कहानियाँ हैं, चलिए शुरू करते हैं :- 1st Magical Story in Hindi   बुलबुल की  जादुई कहानी जिया का फोटो जिया बहुत छोटी थी तभी उसके पिता उसे और उसकी मां रूपा को अकेले छोड़कर चले गए दोनों का जीवन बहुत ही संघर्षों से भरा था जिया की मां सिलाई कढ़ाई का काम करके अपने घर का गुजारा  चलाती थी                                        आप पढ़ रहे हैं - Baccho Ki Jadui Kahaniya

बच्चों की मजेदार कहानियाँ Hindi Stories with images

बच्चों की 5  मजेदार कहानियाँ (Hindi Stories) - बिल्ली, तोता , खरगोश, चिड़िया और और बन्दर की कहानियाँ    चितकबरी बिल्ली की हिंदी स्टोरीज Billi Ki Kahani किसी गाँव में एक चितकबरी बिल्ली रहती थी। सब जानवर उसे प्यार से बिल्ली मौसी कहते थे। एक दिन बिल्ली मौसी घूमने निकली। वह जिस भी रास्ते से गुज़रती, उसे देखकर चूहे इधर-उधर छिप जाते। चूहों को इधर-उधर दौड़ते देखकर बिल्ली मौसी बहुत खुश हो रही थी। एक चौराहे पर तीन कुत्ते बैठे हुए थे। जब बिल्ली मौसी वहाँ पहुँची, तो वह कुत्तों को देखकर डर गई। उसने कुत्तों से बचने की कोशिश की, लेकिन तभी कुत्तों ने उसे देख लिया।                                           

Hindi Stories - तितली, मुर्गी और चींटी की 3 कहानियाँ

इस पोस्ट में तितली रानी, टिंकू की तरकीब और समझदार चुटकी नाम की 3 कहानियाँ हैं , तो चलिये शुरू करते हैं  1. तितली रानी किसी बगीचे में एक तितली रहती थी वो बहुत सुन्दर थी। वह अपनी  सुंदरता पर बहुत इतराती थी, इसलिए सब उसे 'तितली रानी' कहकर बुलाते थे।                तितली रानी का सारा समय सजने-सँवरने में ही व्यतीत होता था। वह रोज़ सज-धजकर बगीचे में घूमने निकलती थी। बगीचे में तोते और चिड़िया के परिवार भी रहते थे। तितली को देखकर सब उसकी सुंदरता की प्रशंसा करते थे। Baccho Ki Kahani

Hindi Kahani - घमंडी साँप और संगठन का बल

किसी बगीचे में एक सॉप रहता था। वह बहुत ज़हरीला था। बगीचे में तोता, कोयल, कबूतर और मैना के परिवार भी रहते थे। सारे पक्षी साँप से डरते थे। साँप जब भी अपने बिल से बाहर निकलता, सारे पक्षी पेड़ों पर छिपकर बैठ जाते। साँप जानता था कि सभी उससे डरते हैं साँप बिना भय के पूरे बगीचे में घूमता था। एक दिन उसकी माँ ने उसे समझाया कि Baccho ki Kahani अभी वह छोटा है, इसलिए बगीचे से बाहर न जाए, लेकिन साँप ने अपनी माँ की बात नहीं मानी। उसी दिन वह बगीचे से बाहर चला गया। बगीचे के पास एक तालाब था। उसमें एक बतख तैर रही थी। सॉप उसकी तरफ़ बढ़ा तो वह, डरकर भाग गई। साप बहुत खुश हुआ। वह सोचने लगा कि उसमें बहुत ताकत है, इसलिए बड़े-बड़े पक्षी भी उससे डरते हैं।  तालाब की सैर करके साँप वापस बगीचे में लौट आया। उसने अपनी माँ  को बताया कि बड़े-बड़े पक्षी भी उससे डरते हैं, इसलिए वह कहीं भी घूमने जा सकता है। उसकी माँ ने उसे समझाते हुए कहा-"अपनी ताकत पर ज्यादा घमंड मत  करो। इस दुनिया में तुमसे भी ज्यादा ताकतवर हैं। मेरी तुम्हें सलाह है कि हमेशा बाज़, मोर और नेवले से सावधान रहना।&

आलसी बंदर Baccho Ki Kahaniyan

चंदन वन में चीटियों का एक परिवार रहता था। परिवार के सभी सदस्य  मेहनती थे।  वे सुबह होते ही काम पर चले जाते। वन के आस-पास वे खूब  मेहनत  करते  और दिन ढलने से पहले घर वापस लौट आते। Baccho ki kahani एक बार बंदरों का एक परिवार चंदन वन में आया। परिवार के मुखिया को  वन बहुत सुन्दर लगा उसने देखा  कि यहाँ खाने-पीने की काफ़ी चीज़ें हैं,  इसलिए परिवार के साथ यहीं रहना चाहिए। बंदरों का परिवार चंदन वन में रहने लगा।

सोनू और मोनू खरगोश की कहानी

Baccho Ki Kahani एक किसान के खेत में दो खरगोश रहते थे। एक का नाम था सोनू और दूसरे का मोनू किसान जब भी खेत में पहुँचता, तो सबसे पहले खरगोशों के पास जाता। दोनों खरगोश भी किसान को देखते ही उसके पास दौड़े चले आते। किसान बारी-बारी से दोनों खरगोशों को हाथ में उठाता और उनकी पीठ सहलाता। उस समय दोनों खरगोश बहुत खुश होते थे। Baccho Ki Kahani किसान रोज़ खरगोशों के लिए खाने की कोई-न-कोई चीज़ ले जाता था। घर की बनी नई -नई चीजें खाकर सोनू और मोनू बहुत खुश होते थे। किसान उन्हें चीजें खिलाकर अपने काम में लग जाता और वे खेत में खेलने लगते। काम के बीच किसान को जब भी फ़ुरसत मिलती, वह सोनू और मोनू के पास चला जाता। एक दिन सोनू ने मोनू से कहा कि वह किसान के घर की चीजें खा-खाकर थक गया है, उसका कुछ नई चीजें खाने का मन करता है। मोनू ने उसे समझाते हुए कहा-"किसान हमसे बहुत प्यार करता है, इसलिए हमें ऐसी बातें नहीं कहनी चाहिए। वह जो भी प्यार से देता है, हमें उसे स्वीकार कर लेना चाहिए।" " मैं किसान के प्यार को सम्मान देता हूँ," सोनू ने कहा-"लेकिन मोनू, हमें खुद भी  अपने ब

दो तितलियाँ - फूलझरी और लालपरी की कहानी

किसी बगीचे में दो तितलियाँ रहती थीं-फूलझरी और लालपरी। दोनों में मित्रता थी। वो दोनों रोज सुबह निकलतीं और फूलों पर मँडराने लगतीं। फूलों की सुगंध उन्हें बहुत भाती थी। वे काफ़ी देर तक फूलों के आस-पास खेलती रहतीं। Baccho Ki Kahani जब उन्हें भूख लगती, तो वे अपनी-अपनी पसंद के फूल पर बैठकर उसका रस चूसने लगतीं। दोनों तितलियों का जीवन सुख से  बीत रहा था। एक दिन दोनों तितलियाँ रंग-बिरंगे फूलों के आस-पास खेल रही थीं। तभी फूलझरी ने लालपरी से कहा-" हम कितनी भाग्यशाली हैं। हमें इतना अच्छा जीवन मिला है। हम इतने सुंदर स्थान पर रहती हैं, रंग-बिरंगे फूलों के बीच खेलती हैं, उनका मीठा-मीठा रस पीती हैं। हमारे जीवन में कोई कष्ट ही नहीं है।" 'तुम ठीक कहती हो," लालपरी ने कहा- "लेकिन मैंने ऐसा कभी नहीं सोचा'' हम सचमुच भाग्यशाली हैं। तभी कुछ बच्चों ने बगीचे में प्रवेश किया और वे एक बड़ी गेंद से खेलने लगे। लालपरी ने फूलझरी से पूछा-"ये कौन हैं? इन्हें पहले तो यहाँ नहीं देखा।' " तुम अभी छोटी हो, इसलिए तुम्हें पता नहीं है,"

Hindi Story - भोड़िये का जाल की कहानी

भेड़िये के जाल की कहानी किसी जंगल में एक भेड़िया रहता था और अपना शिकार खुद करता था। उसे खरगोश का शिकार बहुत पसंद था। उसकी जब शिकार करने की इच्छा होती, वह चुपचाप एक पेड़ के पीछे बैठ जाता। उसे जैसे ही कोई खरगोश दिखाई देता, वह झपटकर उसे पकड़ लेता। एक बार भेंड़िया बीमारी से कमज़ोर हो गया। कमज़ोरी के कारण वह धीरे-धीरे चल पाता था। उसकी  शिकार की इच्छा होती थी, परंतु वह दौड़कर शिकार को पकड़ने में असमर्थ था। उसने दो-तीन बार पेड़  के पीछे छिपकर अपने शिकार पर झपटने की कोशिश की थी, परंतु खरगोश के बच्चे भी उससे आगे निकल जाते। बच्चों की कहानी  वह दो-तीन कदम चलने पर ही थक जाता और ललचाई नज़रों से अपने शिकार को जाते हुए देखता रहता। भेड़िये को कई दिन से खाना नहीं मिला था। वह भूख से व्याकुल था। मजबूरी में उसे एक शेर का छोड़ा हुआ बासी भोजन खाना पड़ा। भेड़िये को ताज़ा भौजन खाने की आदत थी, उसे बासी भोजन पसंद नहीं आया। वह ताज़ा भोजन प्राप्त करने का उपाय सोचने लगा। तभी उसने पेड़ पर मकड़ी का एक जाला देखा। उसने फ़ैसला  किया कि वह भी अपने शिकार को फँसाने के लिए ऐसा ही कोई उपाय करेगा। भेड

पड़ोसी का धर्म - तोते और मैना की कहानी

Included : बच्चों की कहानी हिंदी में , तोता और मैना की कहानी, साप की कहानी  पडोसी का धर्म कहानी एक बगीचे में आम के दो पेड़ थे। एक पेड़ पर तोते का परिवार रहता था और दूसरे पर  मैना  वो दोनों एक दूसरे की मदद के लिए हमेशा तैयार रहते थे। आम के मौसम में दोनों परिवारों को भोजन की कोई कमी नहीं रहती थी। दोनों पेड आमों से लदे रहते थे। तोते और मैना के परिवार के सदस्य रोज़ पेट भरकर आम खाते थे। तोता और मैना का परिवार  आम का मौसम  जाने के बाद उन्हें भोजन की तलाश में दूर-दूर तक भटकना पड़ता था। तोते और मैना के बच्चे अभी छोटे थे। वे उड़ना नहीं जानते थे, इसलिए अपने-अपने घोंसले में बैठे भोजन का इंतज़ार करते रहते थे। यदि भोजन लेकर पहले तोता बगीचे में पहुँच जाता, तो वह अपने बच्चों के साथ मैना के बच्चों को भी भोजन खिला देता। यदि पहले मैना बगीचे में लौट आती. तो वह भी अपने बच्चों के साथ तोते के बच्चों को भी खाना खिलाती। इस प्रकार तोते और मैना के परिवार मिल- जुलकर आनंदपूर्वक जीवन बिता रहे थे। बगीचे के अन्य पक्षी भी उनकी प्रशंसा करते थे। वे आपस में चर्चा करते कि पड़ोसी के साथ मिल-

कालू घोड़े की कहानी - Baccho ki kahani - 1

काले घोड़े की कहानी:- किसी गाँव के एक अस्तबल में अनेक घोड़े थे। गाँव का ज़मींदार लखनपाल इन घोड़ों का मालिक था। उसने अस्तबल की देखभाल के लिए एक रखवाला रखा हुआ था। रखवाला दिन-रात अस्तबल में ही रहता था। वह बहुतमेहनती था। वह दोपहर को दो घंटे विश्राम करता था। इस समय वह घोड़ों को पास के एक मैदान में छोड़ देता था। मैदान में घोड़े बहुत खुश होते थे। वे वहाँ पूरी आज़ादी से दौड़ लगाते थे। घोड़ों के चार बच्चे थे। उन चार बच्चों में एक सबसे शक्तिशाली था। उसकी टॉगें बहुत मज़बूत थीं। मैदान में खेलते हुए वह बाकी तीनों बच्चों को हरा देता था। लेकिन उसे अपनी शक्ति पर बहुत घमंड था। वह सभी को चुनौती देते हुए कहता था-"में हूँ कालू घोड़ा। मुझे कोई नहीं हरा सकता।" कालू के माता-पिता जानते थे कि उसे अपनी ताकत पर बहुत घमंड है। वह जोश में लंबी दौड़ लगाता है और कई बार को मैदान से बाहर भी निकल जाता है। वे रोज़ कालू समझाते थे कि उसे मैदान से बाहर नहीं जाना चाहिए। मैदान के पास एक तालाब था, जिसमें एक मगरमच्छ रहता था। कालू के माता-पिता उसे तालाब के पास जाने से भी रोकते थे। एक दिन दोपहर को मैदान में खेलते