राज योग: कैसे बनता है और किन जातकों को देता है राजसुख?

राज योग क्या होता है?

राज योग एक विशेष ज्योतिषीय योग है, जो जातक के जीवन में सफलता, प्रसिद्धि और राजसी वैभव लाने की क्षमता रखता है। यह योग जन्म कुंडली में विशेष ग्रहों की स्थिति और उनके आपसी संबंधों से बनता है।

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राज योग बनने के प्रमुख कारण

  • यदि त्रिकोण और केंद्र भावों के स्वामी आपस में सम्बन्ध बनाते हैं।
  • जब गुरु, सूर्य, चंद्रमा या मंगल जैसे शुभ ग्रह उच्च स्थिति में होते हैं।
  • यदि कोई ग्रह स्वगृही, उच्च का या विशेष दृष्टि में हो
  • केंद्र और त्रिकोण में स्थित ग्रहों का परस्पर शुभ संबंध
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राज योग के प्रकार

1. गजकेसरी योग

  • जब चंद्रमा और गुरु एक-दूसरे से केन्द्र भावों में स्थित होते हैं।
  • यह योग जातक को बुद्धिमान, धनी और सम्मानित बनाता है।

2. पंच महापुरुष योग

  • यह पाँच प्रकार के होते हैं:
    • रुचक योग (मंगल) – साहसी और पराक्रमी बनाता है।
    • भद्र योग (बुध) – बुद्धि और व्यापार में सफलता देता है।
    • हंसा योग (गुरु) – धार्मिक और प्रतिष्ठित बनाता है।
    • मालव्य योग (शुक्र) – ऐश्वर्य और आकर्षण प्रदान करता है।
    • शश योग (शनि) – सत्ता और अनुशासन देता है।

3. चंद्र-मंगल योग

  • जब चंद्रमा और मंगल एक साथ होते हैं, तो जातक आर्थिक रूप से समृद्ध होता है।

4. बुधादित्य योग

  • सूर्य और बुध का एक साथ होना, जो जातक को बुद्धिमान और प्रभावशाली बनाता है।

5. लक्ष्मी योग

  • जब गुरु और शुक्र शुभ स्थिति में होते हैं, तो जातक को अत्यधिक धन-संपत्ति प्राप्त होती है।

राज योग से मिलने वाले लाभ

लाभविवरण
सत्ता और प्रतिष्ठाजातक को उच्च पद मिलता है
आर्थिक समृद्धिधन-संपत्ति का लाभ होता है
बुद्धिमत्ता और ज्ञानव्यक्ति शिक्षा और समझ में श्रेष्ठ होता है
आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमताव्यक्ति को समाज में सम्मान मिलता है
सफलता और प्रसिद्धिजातक का नाम दूर-दूर तक प्रसिद्ध होता है

राज योग किस भाव में अधिक प्रभावी होता है?

भावप्रभाव
प्रथम भावनेतृत्व और प्रभावशाली व्यक्तित्व
चतुर्थ भावसंपत्ति और सुख-समृद्धि
सप्तम भाववैवाहिक जीवन में सफलता
दशम भावकरियर और व्यवसाय में उच्च पद
एकादश भावआर्थिक उन्नति और धन लाभ

राज योग को और अधिक प्रभावी कैसे बनाएं?

1. मंत्र और पूजा

  • गुरु मंत्र: “ॐ बृं बृहस्पतये नमः”
  • सूर्य मंत्र: “ॐ घृणिः सूर्याय नमः”
  • हनुमान चालीसा का पाठ करें।
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2. रत्न धारण करें

ग्रहरत्नधारण की उंगली
सूर्यमाणिक्यअनामिका
चंद्रमोतीकनिष्ठा
मंगलमूंगाअनामिका
बुधपन्नाकनिष्ठा
गुरुपुखराजतर्जनी

3. दान और सेवा करें

  • गुरुवार को पीली वस्तुओं का दान करें।
  • मंगलवार को लाल वस्त्र और मसूर की दाल दान करें।
  • रविवार को सूर्य देव को जल अर्पित करें।

निष्कर्ष

राज योग व्यक्ति के जीवन में धन, यश, पद, प्रतिष्ठा और सफलता लाने में मदद करता है। यदि कुंडली में यह योग मौजूद है, तो इसके प्रभाव को बढ़ाने के लिए सही उपाय अपनाने चाहिए।

अगर आपको अपने जीवन में संघर्ष का सामना करना पड़ रहा है, तो किसी ज्योतिष विशेषज्ञ से परामर्श लें और उचित उपाय अपनाएं।

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