ज्योतिष में ग्रहों के संबंध (मित्र, शत्रु और समभाव) का महत्वपूर्ण स्थान है। यह संबंध यह तय करते हैं कि किसी ग्रह का प्रभाव किसी विशेष कुंडली या स्थिति में सकारात्मक होगा या नकारात्मक। ग्रहों के ये रिश्ते जन्म कुंडली के फलित और घटनाओं को समझने में सहायक होते हैं।
ग्रहों के मित्र, शत्रु और समभाव
1. सूर्य (Sun)
- मित्र ग्रह: चंद्रमा, मंगल और बृहस्पति
- शत्रु ग्रह: शुक्र और शनि
- समभाव: बुध
- स्वभाव: सूर्य आत्मा, ऊर्जा और आत्मविश्वास का कारक है।
2. चंद्रमा (Moon)
- मित्र ग्रह: सूर्य और बुध
- शत्रु ग्रह: मंगल, बृहस्पति, शुक्र और शनि
- समभाव: –
- स्वभाव: चंद्रमा मन, भावनाओं और स्थिरता को प्रभावित करता है।
3. मंगल (Mars)
- मित्र ग्रह: सूर्य, चंद्रमा और बृहस्पति
- शत्रु ग्रह: बुध
- समभाव: शुक्र और शनि
- स्वभाव: मंगल साहस, ऊर्जा और जुनून का प्रतीक है।
4. बुध (Mercury)
- मित्र ग्रह: सूर्य और शुक्र
- शत्रु ग्रह: चंद्रमा
- समभाव: मंगल, बृहस्पति और शनि
- स्वभाव: बुध बुद्धि, तर्क और संवाद का कारक है।
5. बृहस्पति (Jupiter)
- मित्र ग्रह: सूर्य, चंद्रमा और मंगल
- शत्रु ग्रह: बुध और शुक्र
- समभाव: शनि
- स्वभाव: बृहस्पति ज्ञान, शिक्षा और आध्यात्मिकता का प्रतिनिधित्व करता है।
6. शुक्र (Venus)
- मित्र ग्रह: बुध और शनि
- शत्रु ग्रह: सूर्य और चंद्रमा
- समभाव: मंगल और बृहस्पति
- स्वभाव: शुक्र प्रेम, सौंदर्य और भौतिक सुख का प्रतीक है।
7. शनि (Saturn)
- मित्र ग्रह: बुध और शुक्र
- शत्रु ग्रह: सूर्य, चंद्रमा और मंगल
- समभाव: बृहस्पति
- स्वभाव: शनि कर्म, अनुशासन और न्याय का कारक है।
8. राहु (Rahu)
- मित्र ग्रह: बुध, शुक्र और शनि
- शत्रु ग्रह: सूर्य और चंद्रमा
- समभाव: मंगल और बृहस्पति
- स्वभाव: राहु भ्रम, इच्छाओं और अप्रत्याशित घटनाओं का कारक है।
9. केतु (Ketu)
- मित्र ग्रह: मंगल और बृहस्पति
- शत्रु ग्रह: सूर्य और चंद्रमा
- समभाव: बुध, शुक्र और शनि
- स्वभाव: केतु मोक्ष, त्याग और आध्यात्मिकता का प्रतीक है।
ग्रहों के संबंधों का प्रभाव
- जब कोई ग्रह अपने मित्र ग्रह के घर में होता है, तो उसका प्रभाव शुभ और मजबूत होता है।
- शत्रु ग्रह के घर में उसकी शक्ति कमजोर हो जाती है।
- समभाव वाले ग्रह के साथ, ग्रह का प्रभाव तटस्थ रहता है।
निष्कर्ष
ग्रहों के आपसी संबंध न केवल कुंडली के फलित को प्रभावित करते हैं, बल्कि यह भी बताते हैं कि कौन से ग्रह व्यक्ति के जीवन में शुभ फल देंगे और कौन से अशुभ। सही ढंग से इन संबंधों को समझकर जीवन में सुधार और समाधान खोजा जा सकता है।
अस्वीकरण:
यह लेख ज्योतिष के सिद्धांतों और मान्यताओं पर आधारित है। ज्योतिष एक प्राचीन विद्या है, लेकिन यह वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित नहीं है। इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल सूचना देना है और इसे किसी भी तरह के व्यक्तिगत निर्णय या जीवन की परिस्थितियों के बारे में सटीक भविष्यवाणी के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। पाठकों से निवेदन है कि वे ज्योतिषीय सलाह का पालन करते समय अपनी विवेक और निर्णय क्षमता का उपयोग करें। कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञ से सलाह लेना उचित होगा।
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