गजकेसरी योग वैदिक ज्योतिष में एक अत्यंत प्रभावशाली और शुभ योग माना जाता है। यह योग जातक के जीवन में सफलता, बुद्धिमत्ता, समृद्धि और समाज में उच्च प्रतिष्ठा दिलाने में सहायक होता है। यदि यह योग किसी कुंडली में सही रूप से सक्रिय हो, तो व्यक्ति को मान-सम्मान, धन, उच्च पद और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है। आइए जानते हैं कि यह योग कैसे बनता है, इसके क्या प्रभाव होते हैं और इससे अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए कौन-कौन से उपाय किए जा सकते हैं।
गजकेसरी योग क्या है?
गजकेसरी योग चंद्रमा और बृहस्पति के संयोग से बनने वाला एक अत्यंत शुभ योग है। यह योग तब बनता है जब चंद्रमा से केंद्र स्थान (1, 4, 7, 10 भाव) में बृहस्पति स्थित होता है। यह योग जातक को बुद्धिमत्ता, समृद्धि, मान-सम्मान और उच्च पद प्रदान करता है।
गजकेसरी योग बनने की स्थिति
स्थिति | योग का प्रभाव |
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चंद्रमा और बृहस्पति केंद्र में हों | उत्तम फलदायी गजकेसरी योग |
कमजोर चंद्रमा या बृहस्पति | फल में कमी हो सकती है |
नीच राशि में कोई ग्रह हो | योग का प्रभाव कम हो सकता है |
शुभ ग्रहों की दृष्टि | योग का प्रभाव और अधिक बढ़ सकता है |
गजकेसरी योग के लाभ
- बुद्धिमत्ता और ज्ञान – यह योग व्यक्ति को अत्यंत बुद्धिमान बनाता है।
- आर्थिक समृद्धि – जातक को धन-संपत्ति का लाभ मिलता है।
- उच्च पद और प्रतिष्ठा – समाज में मान-सम्मान और उच्च पद प्राप्त होता है।
- नेतृत्व क्षमता – जातक एक अच्छे लीडर बन सकते हैं।
- सकारात्मक सोच – जातक का दृष्टिकोण हमेशा सकारात्मक रहता है।
गजकेसरी योग के नकारात्मक प्रभाव
अगर यह योग कुंडली में दुर्बल स्थिति में हो या अशुभ ग्रहों से प्रभावित हो, तो इसके नकारात्मक प्रभाव भी हो सकते हैं।
- अधिक अहंकार – जातक में अहंकार आ सकता है।
- धन हानि – आर्थिक हानि की संभावना बढ़ सकती है।
- निर्णय लेने में भ्रम – कभी-कभी सही निर्णय लेने में कठिनाई हो सकती है।
- अति भावुकता – व्यक्ति अत्यधिक संवेदनशील हो सकता है।
गजकेसरी योग का प्रभाव 12 भावों में
भाव | प्रभाव |
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प्रथम भाव | आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता बढ़ती है |
द्वितीय भाव | आर्थिक समृद्धि और वाणी में मधुरता |
तृतीय भाव | साहस और पराक्रम में वृद्धि |
चतुर्थ भाव | सुख-शांति और संपत्ति का लाभ |
पंचम भाव | उच्च शिक्षा और संतान सुख |
षष्ठ भाव | शत्रुओं पर विजय और रोगों से मुक्ति |
सप्तम भाव | वैवाहिक जीवन में सुख और संतुलन |
अष्टम भाव | गूढ़ ज्ञान और आध्यात्मिक उन्नति |
नवम भाव | भाग्य प्रबल होता है और धार्मिक प्रवृत्ति बढ़ती है |
दशम भाव | करियर में सफलता और उच्च पद |
एकादश भाव | आर्थिक लाभ और इच्छाओं की पूर्ति |
द्वादश भाव | विदेश यात्रा और आध्यात्मिक प्रगति |
गजकेसरी योग के उपाय
1. बृहस्पति और चंद्रमा की पूजा करें
- गुरुवार को बृहस्पति की पूजा करें और पीले वस्त्र धारण करें।
- सोमवार को चंद्र देव को अर्घ्य दें और शिव जी की पूजा करें।
2. मंत्र जाप करें
- बृहस्पति बीज मंत्र: “ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः” का 108 बार जाप करें।
- चंद्रमा का मंत्र: “ॐ सों सोमाय नमः” का जाप करें।
3. रत्न धारण करें
ग्रह | रत्न |
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बृहस्पति | पुखराज |
चंद्रमा | मोती |
- गुरुवार को पुखराज और सोमवार को मोती धारण करना लाभकारी होगा।
4. दान करें
- गुरुवार को पीले वस्त्र, चना दाल, हल्दी और गुड़ का दान करें।
- सोमवार को चावल, दूध और सफेद वस्त्र दान करें।
5. गाय को चारा खिलाएं
- गुरुवार और सोमवार को गाय को हरा चारा या गुड़ खिलाएं।
- गाय की सेवा करने से गजकेसरी योग का शुभ प्रभाव बढ़ता है।
निष्कर्ष
गजकेसरी योग जातक को धन, समृद्धि, बुद्धिमत्ता और सफलता प्रदान करता है। यदि यह योग कमजोर हो तो उपायों को अपनाकर इसके सकारात्मक प्रभाव को बढ़ाया जा सकता है। उचित पूजा-पाठ, मंत्र जाप और दान करने से इस योग का संपूर्ण लाभ प्राप्त किया जा सकता है।