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Showing posts from May, 2020

अकबर बीरबल की कहानियाँ - Hindi Stories

अकबर बीरबल की कहानियाँ अकबर बीरबल की कहानियाँ बिना तोड़े लकड़ी छोटी एक बार बादशाह अकबर बीरबल के साथ भाग में घूम रहे थे। हंसी मजाक चल रहा था। तभी अकबर ने अचानक जमीन पर पड़ा हुआ एक लकड़ी का टुकड़ा देखा। अकबर के मन में मजाक करने की आई। अकबर ने बीरबल को कहा कि बीरबल क्या तुम एक लकड़ी के टुकड़े को तोड़े बिना छोटा कर सकते हो? आप पढ़ रहे है अकबर बीरबल की कहानियाँ        अकबर ने बादशाह की तरफ देखा और समझ गया कि बादशाह आज मजाक करने के मूड में है तो जैसे प्रसन्न था। बीरबल ने भी उसी तरह का जवाब देने की सूची एक किसान हाथ में एक बाँस लेकर जा रहा था। बीरबल उसके पास गया और उसका बाँस अपने दूसरे हाथ में ले लिया और लकड़ी का टुकड़ा दूसरे हाथ में अब उसने बादशाह अकबर को कहा- साहब जी आप बताइए, कौन छोटा है?  तो अकबर ने कहा, यह लकड़ी का टुकड़ा छोटा है। तब बीरबल ने कहा देखा हो गया ना लकड़ी का टुकड़ा बिना तोड़े हुए हो गया न छोटा  तो इस प्रकार अकबर और बीरबल कई बार हंसी मजाक भी कर लिया करते। इस कहानी से हमें। यह शिक्षा मिलती है कि अगर दिमाग से जवाब दिया जाए तो कोई भी प्रसन्न ऐसा नहीं

आजादी का महत्व - तोते की कहानी HIndi Kahaniyan

Bachon ki kahani किसी जंगल में एक तोता रहता था। वह बहुत मिलनसार था। जंगल में उसके अनेक मित्र थे। वह अपने मित्रों के साथ नए-नए खेल खेलता था। उसके सब मित्र उसके साथ खुश रहते थे। रोज़ सुबह उसके घर के पास सारे पक्षी इकट्ठे हो जाते। तोते के आने के बाद सब लंबी सैर को निकल जाते। तोते का कहना था कि हमें रोज़ सुबह सैर करनी चाहिए. इससे हमारा स्वास्थ्य अच्छा रहता है। ऊँचे आसमान में लंबी सैर करने से सब पक्षियों को भूख लगने लगती। सब नीचे आ जाते। तोता सब मित्रों को मीठे मीठे फलों के पेड़ों पर ले जाता। सब मीठे-मीटे फल खाते और पेट भरने के बाद नए नए खेल खेलने लगते। जंगल में पक्षियों का जीवन आनंद से गज़र रहा था। अचानक पतझड़ का मौसम शुरू हो गया। जंगल के पेड़ों से पत्ते झडने लगे। पक्षियों के सामने भोजन का संकट परंतु उसे निराश होकर लौटना पडता। सब पेड़ों से फल गायब हो गए थे। तोता अपने मित्रों के लिए चिंतित था। वह जानता था कि उन्हें मीठे-मीठे फल खाने की आदत है, लेकिन फलों के अभाव में उन्हें गुज़र-बसर करने में कठिनाई हो रही है। तोते ने अपने मित्रों का मनोबल बढ़ाने के लिए एक सभा बुलाई। उस

अकबर बीरबल की 2 कहानियाँ - लहरे गिनना और तीन सवाल

आज हम आपको २ कहानियाँ सुना रहे हैं ये दोनों कहानियाँ अकबर बीरबल की कहानी हैं - लहरे गिनना और तीन सवाल अकबर बीरबल लहरे गिनने का काम  1 दिन बादशाह अकबर के महल में एक आदमी आया और महाराज से विनती करने लगा कि महाराज मुझे कोई नौकरी दे दो।  तो उसको दुखी देखकर महाराज अकबर ने उसे नौकरी दे दी उसे चुंगी का अधिकारी बना दिया चुंगी एक प्रकार का कर होता था जो बहुत पहले लगा करता था यह सब देख कर, बीरबल बोले महाराज मुझे यह आदमी ठीक नहीं लग रहा यह बहुत चालाक दिखाई देता है उसे चुंगी अधिकारी नहीं बनाना चाहिए था  चलो कोई बात नहीं अब बना दिया तो इसको बाद में देख ले गए। थोड़े दिनों के बाद बीरबल की बात सच हो गई। उस आदमी की शिकायत आने लगी कि वह लोगों से रिश्वत लेता है।  यह सब देखकर महाराज ने उसका तबादला घोड़ों के अस्तबल में कर दिया या उसको घोड़ों की लींद उठाने थी लींद उठाकर बेचने थी।  यहां पर भी उसने अपनी बेईमानी शुरू कर दी। वह घोड़ों को भोजन खिलाने वालों को बोला कि महाराज ने मुझे घोड़ों की लींद तोलने के लिए कहा है तुम घोड़ों को खाना कम खिलाते हो। इससे डरकर उन्होंने भी इसको ₹5 प्रत

महाभारत के अनसुने किस्से कहानियाँ

महाभारत के अनसुने किस्से कहानियाँ  युधिष्ठिर का यग आज महाभारत के किस्से में से एक कहानी - एक बार धर्मराज युधिष्ठिर ने बड़े विधि विधान से एक महायज्ञ का आयोजन किया यह पूरा होने के बाद उसमें दूध की आहुति दी गई लेकिन आकाश से घंटियों की आवाज नहीं सुनाई पड़ी उस समय में ऐसा माना जाता था कि एक के बाद आकाश से घंटियों की आवाज आनी चाहिए जब तक घंटियां नहीं बस्ती तब तक यह को पूरा नहीं माना जाता था।  कहानी अब महाराज युधिष्ठिर को चिंता हुई उन्होंने भगवान कृष्ण से अपनी समस्या बताएं कृष्ण ने कहा गरीब और सच्चे दिल वाले आदमी को बुलाकर उसे खाना खिलाओ तभी तुम्हारी समस्या दूर होगी धर्मराज खुद ऐसे आदमी की खोज में निकले एक निर्धन व्यक्ति को कुटिया से खोज निकाला और अपना परिचय देते हुए कहा बाबा आप हमारे यहां भोजन करने की कृपा करें तो उसे मना कर दिया उसके बाद कुछ शंका के बाद, वह सोच नहीं पा रहा था उस जैसे मामूली आदमी को खाना खिलाने के लिए इतनी दूर से स्वयं रजा आया हैं बार बार कहने पर जाने को तैयार हो गया।   द्रोपती ने अपने हाथों से बड़ा ही स्वादिष्ट खाना उसे खिलाया। खाना खाने के बाद वह आदम

2 कहानियाँ - बिल्ली, चूहा और शेर की कहानी

किसी बाग में एक चुहिया रहती थी। उसने आम के एक पेड़ के नीचे अपना बिल बनाया हुआ था। बिल में चुहिया के साथ उसके पाँच बच्चे भी रहते थे, जिनमें चार चूहे थे और एक चुहिया। पाँचों बच्चे अभी छोटे थे। वे बिल से बाहर नहीं निकलते थे। उनकी माँ रोज़ पेड़ से आम कुतर कर लाती थीं और उन्हें खिलाती थी। Baccho Ki Kahani धीरे-धीरे बच्चे बड़े होने लगे। बच्चों में छोटी चुहिया सबसे समझदार थी। एक दिन से बाहर जाना चाहिए और अपने भोजन की व्यवस्था खुद करनी चाहिए। माँ बेटी की समझदारी से बहुत खुश हुई। उसने पाँचों बच्चों को घर से बाहर जाने की अनुमति दे दी। पाँचों बच्चे बिल से बाहर निकलकर बहुत खुश थे। छोटी चुहिया की निगरानी में चारों भाई बाग में खेलने लगे।  छोटी चुहिया ने अपने चारों भाइयों को समझाते हुए कहा-" अभी तुम छोटे हो, इसलिए पेड़ पर चढ़ने की कोशिश मत करना। आस-पास कोई फल मिले तो खा लेना और ज्यादा दूर मत जाना।" पाँचो  बच्चे काफ़ी देर तक बाग में खेलते रहे। जब वे थक गए तो वापस अपने बिल में चले गए। आज वे बहुत खुश थे। आज उन्होंने पहली बार बाहर की दुनिया देखी थी, पहली बार स्वयं अपनी मेहनत से कतर-कुतर

कहानी मित्र द्रोह - प्रेरक कहानी Hindi Stories

दादी नानी का कहानी सुनाने का समय शुरू हो गया है। दादी नानी की आज की कहानी का नाम है मित्र द्रोह तो बच्चे कहानी सुनने के लिए तैयार हो जाए यह कहानी दो मित्रों की है जिनके नाम थे धर्म बुद्धि और पाप बुद्धि वह किसी नगर में रहते थे। कहानी मित्र द्रोह   एक बार  पाप बुद्धि  के मन में आया क्यों ना अपने दोस्त धर्म बुद्धि के साथ दूसरे देश में जाकर पैसा कमाया जाये । बाद में किसी न किसी तरीके से उसका सारा धन धोखा करके हड़प लूँगा और मैं अपना पूरा जीवन सुख चैन से बिताऊ  ।  पाप बुद्धि ने धर्म बुद्धि को सलाह दी कि हम दोनों बाहर दूसरे देश जाएं और पैसा कमा कर आए वहां पर बहुत पैसा हैं ।   एक अच्छा सा समय देखकर दोनों दोस्त दूसरे शहर जाने के लिए तैयार हो गए जाते समय अपने साथ बहुत सामान ले गए ।

जादुई गाउन की कहानी Magical Story Jadui Gown

जादुई गाउन की कहानी बच्चों आज हम तुम्हें जादुई गाउन की कहानी सुनाने जा रहे हैं। एक लड़की थी जिसका नाम मुनमुन था वह अपने परिवार में अपने पापा के साथ रहती थी उसके पापा दर्जी थे लेकिन वह ज्यादा पैसे नहीं कमा पाते थे। फिर भी वो खुशी खुशी रहते थे Jadui Gown ki Kahani  एक बार उस नगर में महारानी के बेटे राजकुमार का जन्मदिन था नगर में मुनादी करवाई गई की "हमारे प्यारे राजकुमार 12 साल के हो गए हैं। जिसकी खुशी में महारानी ने एक बहुत बड़ी पार्टी का आयोजन किया है। अगले महीने 1 तारीख को पार्टी है नगर के सभी बच्चों को न्योता दिया जाता है। जरूर जरूर आए"  बच्चे यह मुनादी सुनकर बहुत खुश हो गए और आपस में बातें करने लगे। मैं तो अपना लाल वाला गाउन पहनूंगी दूसरा कह रहा मैं तो अपनी नई वाली ड्रेस पहन हुआ जो मेरे पापा ने दिलाई थी यह सब सुनकर मुनमुन उदास हो गई क्योंकि उसके पास अच्छे कपड़े नहीं थे।  बच्चों ने मुनमुन से पूछ लिया कि मुनमुन तुम क्या पहनोगी तो मुनमुन कुछ नहीं बोली तो दूसरे बच्चे ने कहा इससे क्यों पूछते हो यह तो बहुत गरीब है। इसके तो रोज के कपड़े भी फटे हुए हैं।  जादु

लालच बुरी बला हैं Hindi Stories

किसी गांव में एक ही किराने की दुकान थी। दुकानदार का नाम था बबलू।  वह चावल बेचता था। एक औरत आई बोली बबलू भैया चावल क्या भाव दे रहे हो तो बबलू ने कहा ₹15 किलो और ₹20 किलो। तो औरत बोली भैया सस्ते वाले चावल दो इतने महंगे चावल ले गए तो गुजारा कैसे होगा तो बबलू ने कहा बहन जी अभी तो यही वाले हैं बाजार में जाऊंगा तो देखकर सस्ते वाले चावल ले आऊंगा तो उस औरत ने ₹15 किलो वाले चावल ले लिए।  बब्लू की दुकान  अगले दिन जब बबलू बाजार गया तो उसने सेठ जी को बोला सेठ जी मुझे सस्ते वाले चावल। दे दीजिए तो सेठ जी ने कहा मेरे पास तो ₹15 किलो वाले ही सबसे सस्ते चावल है तो बबलू ने कहा सेठ जी ₹15 किलो वाले चावल दो बोरी दे दीजिए। जब सेठ जी बोरी निकालने दुकान के अंदर गए तो दुकान के ही एक लड़के ने बताया भैया अगर आपको सस्ते चावल चाहिए तो पीछे वाली गली में चले जाइए वहां पर एक चावल का गोदाम है वहां पर बहुत सस्ते चावल मिलते हैं।