Baccho Ki Jadui Kahaniya Hindi - Magical Stories in Hindi

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आज हम आपको Baccho Ki Jadui Kahaniya in Hindi (Magical Stories) सुना रहें हैं ये तीनों कहानियाँ जादुई हैं क्योंकि बच्चों को Jadui Story in HIndi बहुत पसंद होती हैं और बच्चों के लिए बहुत ही रोचक कहानियाँ हैं, चलिए शुरू करते हैं :-


1st Magical Story in Hindi

 बुलबुल की जादुई कहानी



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जिया का फोटो
जिया बहुत छोटी थी तभी उसके पिता उसे और उसकी मां रूपा को अकेले छोड़कर चले गए दोनों का जीवन बहुत ही संघर्षों से भरा था जिया की मां सिलाई कढ़ाई का काम करके अपने घर का गुजारा चलाती थी                                       
आप पढ़ रहे हैं - Baccho Ki Jadui Kahaniya






 किसी तरह से  जिया को पढ़ने के लिए स्कूल भेजती थी जिया स्कूल से जब घर आती है तो अपनी मां के साथ उनके कामों में हाथ बटाती थी 1 दिन जिया स्कूल से लौट कर आई तब उसने रूपा से कहा कि उसे किताब चाहिए रूपा ने कहा जब पैसे मिलेंगे तब खरीद दूंगी


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जिया स्कूल जाती हुई


 दूसरे दिन जब जिया  स्कूल जाने के लिए निकली लेकिन उसके पास किताब नहीं थी और टीचर ने कहा था कि कल किताब लेकर आना जरूरी है। जिया इतना डर गई थी कि वह स्कूल जाने की बजाय नदी के किनारे पेड़ के नीचे जाकर चुपचाप बैठ गई वहीं बैठ कर रो रही थी रोते-रोते उसकी आंखें लाल हो गई सोच रही थी कि हमारे पास किताब के पैसे भी नहीं है। आगे कैसे पढ़ाई कर पाऊंगी            

उसको वहां बैठे-बैठे बहुत समय बीत गया तभी उसकी नजर पेड़ पर लटक रही पिंजरे पर पड़ी उसमें एक बुलबुल बैठी थी डाली ज्यादा ऊंची नहीं थी। आप पढ़ रहे हैं - Baccho Ki Jadui Kahaniya किसी तरह से पेड़ की डाल पर चढ़  गई और उसने पिंजरे को उतार लिया , उसको घर लेकर आ गई 

उसने पिंजरे में बुलबुल के लिए दाना और पानी रख दिया। बुलबुल ने एक बार में ही सारा दाना पानी खत्म कर दिया जिया ने बुलबुल को अपनी हथेली पर रख लिया और उसे सहलाने लगी फिर उसने बुलबुल को पिंजरे में रखकर पिंजरे का दरवाजा बंद कर दिया। 

रूपा सिले हुए कपड़े देने किसी के घर गई थी जब वो वापिस आई तो  उसने जिया से पूछा कि आज तुम स्कूल क्यों नहीं गई और यह पिंजरा कहां से मिला तब जिया रोने लगी उसने कहा मां मेरे पास किताब नहीं थी तो मै स्कूल नहीं गई मैं नदी के किनारे चली गई थी वही पेड़ पर मुझे यह पिंजरा मिल गया       
                   
 रूपा ने जिया को गले लगा लिया उसने कहा बेटा आज मैं रात में जितने भी कपड़े रखे हैं सब सिल  डालूंगी और कल तुम्हारी किताब जरूर खरीद दूंगी। उसके बाद दोनों ने खाना खाया जिया ने बुलबुल को कटोरी में पानी दिया और दाना रख दिया बुलबुल का पेट भर गया बुलबुल पिंजरे में चहकने लगी और उछल कूद करने लगी उसके बाद जिया ने अपना स्कूल का काम किया और पिंजरा अपने बिस्तर के पास ही रख लिया पढ़ रहे हैं - Baccho Ki Jadui Kahaniya 


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जिया और बुलबुल


रात को दो-तीन बार उठी और बैठकर बुलबुल को देखती रही उसकी मां ने सोचा था कि आज पूरी रात बैठकर सिलाई करेगी लेकिन थोड़ी देर में ही थकान के कारण उनको नींद आ गई । मां बेटी सो गई तब बुलबुल का पिंजरा धीरे से खुला और बुलबुल उड़कर सिलाई मशीन के पास आकर बैठ गई पलक झपकते ही सारे कपड़े तैयार हो गए और बहुत सुंदर कढ़ाई भी हो गई उसमें चमकीले और खूबसूरत बटन भी लग गए थे 

सुबह के 5:00 बजे जब सुबह हुई तो जिया की मां उठी और वे जल्दी-जल्दी अपने सिलाई वाले कमरे में गई कमरे में जाते ही उसकी आंखें खुली की खुली रह गई उसने देखा सारे कपड़े बहुत सलीके से सिले हुए हैं और तय करके रखे हुए थे उसने जैसे ही एक फ्रॉक उठाई 


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माँ फ्राक देखती हुई

उसकी समझ में नहीं आया कि इतनी सुंदर फ्रॉक किसने सीली उसने जिया को जगाया और पूछा बेटा यह कपड़े किसने सीलें 

जिया आँखे मलती हुई उठी और बोली मुझे तो नहीं पता यह किसने किया जीया अपने बिस्तर के पास पड़े पिंजरे को देख रही थी पढ़ रहे हैं - Baccho Ki Jadui Kahaniya  पिंजरे के नीचे बहुत सारा दाना पानी बिखरा हुआ था । उसने कटोरी निकाल कर उसको साफ किया और उसमें फिर से दाना पानी रखा ।

 बुलबुल ने थोड़ा बहुत दाना खाया पानी पिया और पिंजरे में उछल कूद मचाने लगी जिया ने  पिंजरे का दरवाजा खोलकर उसे बाहर निकाल लिया और उसको अपने हथेली पर रख कर सहलाने लगी रूपा ने झटपट नाश्ता बनाया और जिया को अपने साथ लेकर जिन जिन के कपड़े थे उनको देने चली गई और वहां से और कपड़े भी ले आई 

अपने कपड़े देखकर सभी लोग बहुत खुश हो गए और सब ने उसकी मजदूरी से ज्यादा पैसा दिया रूपा बेटी को साथ लेकर बाजार गई और वहां से उसके लिए उसने किताब खरीदी इसके बाद जिया को स्कूल छोड़ रूपा घर आ गई। उसने कपड़े उठाकर अलमारी में रख दिए और सोचा जब फुर्सत होगी तो कपड़े सिल लेगी और  थोड़ा बहुत काम निपटा कर बाहर कुएं  से पानी लेने चली गई।          

इतनी देर में बुलबुल पिंजरा खोल बाहर आ गई मशीन के पास जाकर बैठ गई अलमारी से रखे हुए कपड़े अपने आप बाहर आ गए और पलक झपकते ही सारे कपड़े सिल कर तैयार हो गए पढ़ रहे हैं - Magical Stories in Hindi यह कपड़े तो पहले वाले कपड़ों से भी ज्यादा सुंदर बने थे। रूपा जब पानी लेकर वापस आई, उसके आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा उसने देखा कि रात की तरह ही सारे कपड़े सिले हुए हैं बड़े ही सलीके से रखे हुए हैं 


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सिले हुए कपड़े


उसे इतना आश्चर्य हो रहा था इतने सालों में हमेशा मेहनत करके कपड़ों की सिलाई करती थी और कभी भी इतने सुंदर कपड़े मेरे नहीं सिले अचानक कौन आकर मेरे कपड़े अपने आप सिल जाता है। इसी उधेड़बुन में खड़ी थी तभी उसे पिंजरे में थोड़ी हलचल दिखाई पड़ी बुलबुल शायद भूखी थी इसलिए शोर मचा रही थी और पूरे पिंजरे में इधर से उधर दौड़ रही थी

 रूपा तुरंत उसके बर्तन में दाना पानी रखकर चुपचाप अपना काम करने लगी। लेकिन वह पूरे दिन यही सोचती रही कि आखिर यह सब हो कैसे रहा है जब जिया स्कूल से आई तब उसने कहा मां आज कपड़े नहीं सिलोगे क्या उसकी मां ने कहा कि मुझे सिलाई करने की जरूरत ही नहीं पड़ी                                            

 मैं जब कुएं से पानी लेने गई थी तभी किसी ने सिल कर रख दिए जिया ने  कहां मां इसके पहले तो कभी ऐसा नहीं हुआ मैं जब से पिंजरा और इस बुलबुल को लेकर आई हूं। तभी से यह सब जादू हो रहे हैं। उसकी मां बोली हां यह बात तो मेरे दिमाग में ही नहीं आई

 जिया दौड़कर पिंजरे के पास गई उसने पिंजरे का दरवाजा खोला और बुलबुल को हथेली पर रख लिया। बोली बुलबुल रानी तुम्हारे सिवा इस घर में कोई नहीं आया बुलबुल ने पंख फडफड आए बोली तुमने मेरी जान बचाई तो मुझे भी तो कुछ करने का मौका दो जिया ने पिंजरे को उठाया और भागी भागी मां के पास गई और बोली मां देखो मैं तो पहले ही कह रही थी।

 सब कमाल बुलबुल का है यह तो बोलने वाली बुलबुल है उसने बुलबुल से पूछा  मां को बताओ कि तुमने यह सब क्यों और कैसे किया तब बुलबुल ने कहा "मैं एक ऋषि के आश्रम में रहती थी वहां रहकर मैंने बहुत से मंत्र सीखे महात्मा जी ने मुझे बहुत सारी अच्छी बातें सिखाई थी 


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ऋषि और बुलबुल


उनका एक शिष्य था वो जादूगर था और रोज आश्रम में आता था वो महात्मा जी को बहुत मानता था 

एक दिन उसने महात्मा जी से कहा महात्मा जी मैं आपको कुछ जादुई शक्तियां देना चाहता हूं। पढ़ रहे हैं - Magical Stories in Hindi अब मैं बुढा हो गया हूं। मेरे मरने के साथ मेरा जादू भी चला जाएगा तब महात्मा जी हंसकर बोले तुम मेरी बुलबुल को जादुई बना दो मैं क्या करूंगा जादू सीख कर एक दिन किसी को मेरी जादुई शक्तियों का पता चल गया।

 किसी ने जाकर पूरे गांव में यह बात फैला दी कि महात्मा जी के पास जादुई बोलने वाली बुलबुल है। उस रात जब सब सो रहे थे तब रात के समय चोर आया और मुझे पिंजरे सहित चुरा लिया वह पिंजरे को लेकर भाग रहा था।


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चोर और बुलबुल 


 तभी मैंने शोर मचाया और आश्रम के लोगों को पता चल गया वो भी उसके पीछे पीछे दौड़ने लगे 

जब चोर को यह लगा कि वह पकड़ा जाएगा तब उसने इस पिंजरे को उसी पेड़ पर टांग दिया उसी पेड़ पर ही अंधेरे में छुपकर बैठ गया, जब लोग आगे चले गए तब वह पेड़ से उतरकर शायद यह सोच कर चला गया कि पिंजरा बाद में ले जाएगा लेकिन लगता है आगे जाकर उसे लोगों ने पकड़ लिया                                   

 उसके बाद सुबह तुम मुझे मिल गई तुम मुझे अपने घर ले आए मैंने उस दिन तुम्हारी और तुम्हारी मां की बातें सुन ली थी तब मुझे लगा कि मुझे तुम्हारी सहायता करनी चाहिए  और उसकी मां यह सुनकर बहुत खुश हुई जिया की मां ने उस बुलबुल को अपने हाथों में ले लिया और हथेली पर रखा उसे प्यार से चूम लिया उसकी आंख से आंसू निकल पड़े 

उसने कहा बुलबुल रानी अब तो तुम हमेशा मेरी बच्ची रहो गी और मैं तुमको घर में पिंजरे में नहीं बंद करूंगी। तुम पूरे घर में घूमना इसके बाद से यह रोज का नियम बन गया कि उसकी मां कपड़े लेकर आती और बुलबुल अपने जादू से सारे कपड़े सिल देती धीरे-धीरे वह बहुत अमीर बन गए 



2nd Magical Story in Hindi

तकिया की जादुई कहानी



मोनू जब पैदा हुआ था तो उसकी मां ने उसके लिए राइ का एक तकिया बनाया था जो बहुत ही छोटा था


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जादुई तकिया


 उसके अंदर राइ भरी थी मोनू को अपना तकिया बहुत पसंद था उसने बड़ा होकर अपनी मां से कहा "मेरा वही तकिया निकल दो" तो माँ ने कहा "लेकिन वह तो बहुत छोटा है तो आप उसको बड़ा कर दो" मां के बहुत समझाने पर भी मोनू नहीं माना मजबूरी में मा उस तकिए को और बढ़ा कर देती है। 

अपने बचपन का तकिया देख कर मोनू बहुत खुश होता है और उसी पर सर रख कर सोता है। मोनू का दोस्त बहुत बड़ी सी खिलौने वाली कार लेकर आता है जो कि बहुत महंगी होती है तो मोनू कहता है "मां मुझे वैसे ही कार चाहिए" माँ कहती है "मोनू वह कार बहुत महंगी है हमारे पास इतने पैसे नहीं है" मां के मना करने पर मोनू बहुत रोता है और जाकर अपने कमरे में उसी तकिए पर सो जाता है। पढ़ रहे हैं - Jadui Kahaniya Hindi


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मोनू का दोस्त


 जब उसकी आँख खुलती है तो वह देखता है कि उसके पास वही खिलौने वाली कार है तो बहुत खुश हो जाता है। फिर रात भर खेलता रहता है फिर अगले दिन सुबह वो कार गायब हो जाती हैं फिर 1 दिन मोनू स्कूल जाता है अपने किसी दोस्त के पास बहुत सुंदर और महंगा बस्ता देखता है और आकर मां से बसता खरीदने की जिद करने लगता है                                                   

मोनू यह रोज-रोज क्या नई नई मांग करने लगते हो आप लोग मुझे कभी भी कुछ अच्छा नहीं दिलाते हैं थोड़ी देर बाद सो जाता है थोड़ी देर बाद फिर वही होता है उसे अपना पसंदीदा बस्ता मिल जाता है और मोनू बहुत खुश होता है। लेकिन सुबह बस्ता फिर गायब हो जाता है। 

रोज इसी तरह चलता रहता हैं मोनू माँ  से कुछ मांगता, नहीं मिलने पर रोता और तकिया उसे वही चीज दे देता उसे लगता है कि यह तकिया बहुत जादुई है रोज-रोज नई-नई मांग करने लगता है। पढ़ रहे हैं - Jadui Kahaniya Hindi कभी खिलौने, कभी कपड़े, कभी कुछ एक दिन मां उसे ऐसे अकेले खेलते देख लेती है

 समझ ही नहीं पाती कि यह क्या हो रहा है? माँ अब रोज मोनू पर नजर रखती है उसे लगता है कुछ तो गड़बड़ है "मोनू तुम रोज रात को क्या अकेले अकेले खेलते रहते हो?" माँ ने पूछा आपको पता है कि तकिया जादुई  है मैं आपसे जो भी मानगता हूं यह मुझे तुरंत देता है

 मां ने मोनू के पापा को यह सारी बातें बता दी मुझे लगता है कि मोनू को डॉक्टर के पास लेकर जाना चाहिए। तुम्हारी बात सुनकर मुझे भी ऐसा ही लग रहा है दोनों अगले दिन जाकर डॉक्टर से बात करते हैं। 


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डॉक्टर मोने से प्रशन पूछता हुआ 


मोनू के बहुत सारे टेस्ट होते हैं और डॉक्टर उससे बहुत सी बातें पूछते हैं फिर उन्हें पता लगता है यह सब क्या हो रहा है असल में मोनू को हमेशा कोई ना कोई नई चीज चाहिए होती थी लेकिन उसे उसके माता-पिता हर चीज नहीं दिला पाते थे।

 जिस कारण मोनू उन चीजों की कल्पना करने लगता था बहुत दिनों तक मोनू का इलाज चलता रहा।पढ़ रहे हैं - Jadui Kahaniya Hindi डॉक्टर ने उसे समझाया हर चीज की इच्छा करना सही नहीं।                                      

 तुम्हें तुम्हारे माता-पिता हर एक जरूरी चीज लाकर देते हैं पर कुछ चीजे ऐसी होती है की माँ बाप दिला नहीं सकते तो बाचो को जिद्द नहीं करनी चाइये

 इस कहानी से क्या शिक्षा मिलती है कि माता-पिता को भी अपने बच्चों के प्रति जागरूक रहना चाहिए बच्चे आजकल हर चीज को जल्द से जल्द पाना चाहते हैं लेकिन उन्हें पता नहीं होता कि वह क्या कर रहे हैं? यह माता-पिता की जिम्मेदारी होती है अपने बच्चों को बिना डांटे प्यार से समझाएं। 







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