इस पोस्ट में तितली रानी, टिंकू की तरकीब और समझदार चुटकी नाम की 3 कहानियाँ हैं , तो चलिये शुरू करते हैं
किसी बगीचे में एक तितली रहती थी वो बहुत सुन्दर थी। वह अपनी
तोते ने तितली को सावधान करते हुए कहा-"तितली रानी, सरसों के खेत में मत जाना। वहाँ मकड़ी ने अपना जाल बिछा रखा है।" तितली रानी ने तोते की सलाह पर ध्यान नहीं दिया वह इतराते हुए आगे बढ़ गयी उसने सोचा वह
अपना जीवन अपने ढंग से जीने के लिए स्वतंत्र है; तोता कौन होता है उसे
सलाह देने वाला।
तितली रानी सरसों के खेत में पहुँची। वह पीले पीले फूल बहुत सुन्दर लग
रहे थे। उन्हें देखकर तितली रानी प्रसन्न हो गई। वह कोई गीत
गुनगुनाते हुए सरसों के फूलों पर मँडराने लगी। पास
ही मकड़ी का जाला लगा हुआ था। मकड़ी
छिपकर अपने शिकार का इंतज़ार कर रही
थी। अचानक तितली रानी के पंख जाले
में उलझ गए।
उसने जाले से बाहर
निकलने का बहुत प्रयत्न किया,
परंतु वह जाले से बाहर निकल न
सकी। अब उसे पछतावा हो रहा
था। तोते की सलाह न मानकर
उसने अपने प्राण संकट में डाल
लिए थे।
1. तितली किस बात पर इतराती थी?
2. तितली का सारा समय किस काम में व्यतीत होता था?
3. एक दिन किसने तितली का रास्ता रोका?
4. तोते ने तितली को कहाँ न जाने की सलाह दी थी?
5. तितली के पंख किसमें उलझ गए थे?
गाँव के बाहर आम के बगीचे में एक मुर्गी रहती थी उसके 2 बच्चें थे
चिम्पू
चूजा और टिंकू चूज़ा। दोनों अभी छोटे थे, इसलिए मुरगी उन्हें बगीचे से बाहर
नहीं जाने देती थी। वह रोज़ उनके लिए नई -नई चीजें लेकर आती थी। वैसे तो
चिंपू और टिंकू को खाने-पीने की कोई कमी नहीं थी, परंतु वे दोनों अकेले बगीचे
से बाहर सैर पर जाना चाहते थे।
एक दिन चिंपू और टिंकू छिपकर बगीचे से बाहर चले गए। बगीचे से बाहर की
दुनिया देखकर दोनों चूज़े बहुत प्रसन्न थे। खुले आसमान के नीचे चिंपू और टिंकू
को बहुत मज़ा आ रहा था। चिंपू ने टिंकू से कहा-"क्यों
टिकू भाई, आज तो मज़ा आ रहा है।"
टिंकू ने खुश होकर कहा-"हाँ
चिंपू भाई, यहाँ तो बहुत मज़ा
आ रहा है।"
'अब हम रोज़ यहाँ खुली
हवा में सैर करने आया
करेंगे," चिंपू ने कहा।
चिंपू और टिंकू सैर करते हुए एक तालाब पर पहुँच गए। तालाब में चार बतख
तैर रही थीं। टिंकू ने चिंपू से कहा-" भाई, हम भी तालाब में तैरेंगे।'
चिंपू ने निराश होते हुए कहा-"लेकिन हमें तो तैरना ही नहीं आता । हम तालाब
में जाएँगे तो डूब जाएँगे।" तभी टिंकू को एक तरकीब सूझी। उसने चिंपू से
तालाब में तैर सकते हैं।"
चिंपू ने देखा कि पास ही बरगद के कुछ पत्ते गिरे हुए हैं। वह टिंकू का इशारा
समझ गया। उसने खुश होकर कहा-"चल भाई , तैरने का प्रयास करते हैं।"
चिंपू और टिंकू एक-एक पत्ता उठाकर तालाब के किनारे चले
गए। उन्होंने अपना-अपना पत्ता तालाब में उतारा
और उस पर बैठकर तैरने लगे।
दोनों बहुत खुश थे।
1. मुरगी के कितने बच्चे थे?
2, चिंपू और टिंकू अकेले कहाँ जाना चाहते थे?
3. तालाब में कितनी बतखें तैर रही थीं?
4. तालाब में तैरने की तरकीब किसे सूझी?
5. चिंपू और टिंकू किस पर बैठकर तालाब में तैरने लगे?
चुटकी चींटी एक पेड़ पर अपने परिवार सहित रहती थी। वह अपने पूरे परिवार की देखभाल अच्छी तरह से करती थी वह सुबह होते ही अपने काम पर निकल
जाती थी। परिवार के सभी सदस्य काम में
चुटकी की मदद किया करते थे। सब
मिल-जुलकर काम करते थे और
आनंदपूर्वक रहते थे।
पेड़ पर पक्षियों के कुछ परिवार
भी रहते थे। चुटकी सब पक्षियों
को अपना मित्र मानती थी।
सारे पक्षी भी चुटकी की
मेहनत की प्रशंसा
किया करते थे।
चुटकी चींटी मेहनती तो थी ही, वह बहुत समझदार भी थी। उसे किसी भी खतरे का पहले से ही पता चल जाता
था , जैसे ही उसे किसी खतरे का आभास होता
था, वह सबको सावधान कर देती थी।
एक दिन चुटकी चीटी काम पर गई हुई थी। तभी उसे आभास हुआ कि कुछ
समय बाद बारिश होने वाली है। चुटकी
जल्दी-जल्दी अपने घर पहुँची।
उसने
पास- पड़ोस में सबको सूचित करते
हुए कहा-"कुछ समय बाद बारिश
होने वाली है। बारिश से बचाव
के लिए सब अपने-अपने
মरों की मरम्मत कर ले
और खाने-पीने का
सामान सुरक्षित
स्थान पर रख लें।"
चुटकी ने अपने परिवार को भी बारिश से बचाव के उपाय करने के लिए कहा।
चुटकी की देखा देखी पास पढ़ोस के सब परिवार अपने-अपने घरों की मरम्मत करने लगे अँधेरा होने से पहले
1. तितली रानी
किसी बगीचे में एक तितली रहती थी वो बहुत सुन्दर थी। वह अपनी
सुंदरता पर बहुत इतराती थी, इसलिए सब उसे 'तितली रानी' कहकर बुलाते थे।
तितली रानी का सारा समय सजने-सँवरने में ही व्यतीत होता
था। वह रोज़ सज-धजकर बगीचे में घूमने निकलती
थी। बगीचे में तोते और चिड़िया के परिवार भी
रहते थे। तितली को देखकर सब उसकी
सुंदरता की प्रशंसा करते थे।
परंतु
तितली रानी किसी से सीधे मुँह
बात नहीं करती थी। वह
अपनी ही धुन में बगीचे
में मँडराती रहती थी।
एक दिन तोते ने तितली का रास्ता
रोकते हुए कहा-"तितली रानी आज
तो बहुत सुंदर लग रही हो। थोड़ी देर
हमसे भी बात कर लो।
'' मेरे पास फालतू समय नहीं है," तितली
रानी ने इतराते हुए कहा-"मेरा रास्ता
छोड़ो। मुझे एक ज़रूरी काम
से सरसों के खेत में
जाना है।"
तितली रानी का सारा समय सजने-सँवरने में ही व्यतीत होता
था। वह रोज़ सज-धजकर बगीचे में घूमने निकलती
थी। बगीचे में तोते और चिड़िया के परिवार भी
रहते थे। तितली को देखकर सब उसकी
सुंदरता की प्रशंसा करते थे।
Baccho Ki Kahani |
परंतु
तितली रानी किसी से सीधे मुँह
बात नहीं करती थी। वह
अपनी ही धुन में बगीचे
में मँडराती रहती थी।
एक दिन तोते ने तितली का रास्ता
रोकते हुए कहा-"तितली रानी आज
तो बहुत सुंदर लग रही हो। थोड़ी देर
हमसे भी बात कर लो।
'' मेरे पास फालतू समय नहीं है," तितली
रानी ने इतराते हुए कहा-"मेरा रास्ता
छोड़ो। मुझे एक ज़रूरी काम
से सरसों के खेत में
जाना है।"
Baccho Ki Kahani |
तोते ने तितली को सावधान करते हुए कहा-"तितली रानी, सरसों के खेत में मत जाना। वहाँ मकड़ी ने अपना जाल बिछा रखा है।" तितली रानी ने तोते की सलाह पर ध्यान नहीं दिया वह इतराते हुए आगे बढ़ गयी उसने सोचा वह
अपना जीवन अपने ढंग से जीने के लिए स्वतंत्र है; तोता कौन होता है उसे
सलाह देने वाला।
तितली रानी सरसों के खेत में पहुँची। वह पीले पीले फूल बहुत सुन्दर लग
रहे थे। उन्हें देखकर तितली रानी प्रसन्न हो गई। वह कोई गीत
गुनगुनाते हुए सरसों के फूलों पर मँडराने लगी। पास
ही मकड़ी का जाला लगा हुआ था। मकड़ी
छिपकर अपने शिकार का इंतज़ार कर रही
थी। अचानक तितली रानी के पंख जाले
में उलझ गए।
Baccho Ki Kahani |
उसने जाले से बाहर
निकलने का बहुत प्रयत्न किया,
परंतु वह जाले से बाहर निकल न
सकी। अब उसे पछतावा हो रहा
था। तोते की सलाह न मानकर
उसने अपने प्राण संकट में डाल
लिए थे।
अब, आपकी बारी
बताइए1. तितली किस बात पर इतराती थी?
2. तितली का सारा समय किस काम में व्यतीत होता था?
3. एक दिन किसने तितली का रास्ता रोका?
4. तोते ने तितली को कहाँ न जाने की सलाह दी थी?
5. तितली के पंख किसमें उलझ गए थे?
बच्चों की कहानी 2. टिंकू की तरकीब
गाँव के बाहर आम के बगीचे में एक मुर्गी रहती थी उसके 2 बच्चें थे
चिम्पू
चूजा और टिंकू चूज़ा। दोनों अभी छोटे थे, इसलिए मुरगी उन्हें बगीचे से बाहर
नहीं जाने देती थी। वह रोज़ उनके लिए नई -नई चीजें लेकर आती थी। वैसे तो
चिंपू और टिंकू को खाने-पीने की कोई कमी नहीं थी, परंतु वे दोनों अकेले बगीचे
से बाहर सैर पर जाना चाहते थे।
Baccho Ki Kahani |
एक दिन चिंपू और टिंकू छिपकर बगीचे से बाहर चले गए। बगीचे से बाहर की
दुनिया देखकर दोनों चूज़े बहुत प्रसन्न थे। खुले आसमान के नीचे चिंपू और टिंकू
को बहुत मज़ा आ रहा था। चिंपू ने टिंकू से कहा-"क्यों
टिकू भाई, आज तो मज़ा आ रहा है।"
Baccho Ki Kahani |
टिंकू ने खुश होकर कहा-"हाँ
चिंपू भाई, यहाँ तो बहुत मज़ा
आ रहा है।"
'अब हम रोज़ यहाँ खुली
हवा में सैर करने आया
करेंगे," चिंपू ने कहा।
चिंपू और टिंकू सैर करते हुए एक तालाब पर पहुँच गए। तालाब में चार बतख
तैर रही थीं। टिंकू ने चिंपू से कहा-" भाई, हम भी तालाब में तैरेंगे।'
चिंपू ने निराश होते हुए कहा-"लेकिन हमें तो तैरना ही नहीं आता । हम तालाब
में जाएँगे तो डूब जाएँगे।" तभी टिंकू को एक तरकीब सूझी। उसने चिंपू से
तालाब में तैर सकते हैं।"
चिंपू ने देखा कि पास ही बरगद के कुछ पत्ते गिरे हुए हैं। वह टिंकू का इशारा
समझ गया। उसने खुश होकर कहा-"चल भाई , तैरने का प्रयास करते हैं।"
चिंपू और टिंकू एक-एक पत्ता उठाकर तालाब के किनारे चले
गए। उन्होंने अपना-अपना पत्ता तालाब में उतारा
और उस पर बैठकर तैरने लगे।
Baccho Ki Kahani |
दोनों बहुत खुश थे।
अब, आपकी बारी
बताइए
1. मुरगी के कितने बच्चे थे?
2, चिंपू और टिंकू अकेले कहाँ जाना चाहते थे?
3. तालाब में कितनी बतखें तैर रही थीं?
4. तालाब में तैरने की तरकीब किसे सूझी?
5. चिंपू और टिंकू किस पर बैठकर तालाब में तैरने लगे?
बच्चों की कहानी 3 समझदार चुटकी
चुटकी चींटी एक पेड़ पर अपने परिवार सहित रहती थी। वह अपने पूरे परिवार की देखभाल अच्छी तरह से करती थी वह सुबह होते ही अपने काम पर निकल
जाती थी। परिवार के सभी सदस्य काम में
चुटकी की मदद किया करते थे। सब
मिल-जुलकर काम करते थे और
आनंदपूर्वक रहते थे।
Baccho Ki Kahani |
पेड़ पर पक्षियों के कुछ परिवार
भी रहते थे। चुटकी सब पक्षियों
को अपना मित्र मानती थी।
सारे पक्षी भी चुटकी की
मेहनत की प्रशंसा
किया करते थे।
चुटकी चींटी मेहनती तो थी ही, वह बहुत समझदार भी थी। उसे किसी भी खतरे का पहले से ही पता चल जाता
था , जैसे ही उसे किसी खतरे का आभास होता
था, वह सबको सावधान कर देती थी।
एक दिन चुटकी चीटी काम पर गई हुई थी। तभी उसे आभास हुआ कि कुछ
समय बाद बारिश होने वाली है। चुटकी
जल्दी-जल्दी अपने घर पहुँची।
उसने
पास- पड़ोस में सबको सूचित करते
हुए कहा-"कुछ समय बाद बारिश
होने वाली है। बारिश से बचाव
के लिए सब अपने-अपने
মरों की मरम्मत कर ले
और खाने-पीने का
सामान सुरक्षित
स्थान पर रख लें।"
Baccho Ki Kahani |
चुटकी ने अपने परिवार को भी बारिश से बचाव के उपाय करने के लिए कहा।
चुटकी की देखा देखी पास पढ़ोस के सब परिवार अपने-अपने घरों की मरम्मत करने लगे अँधेरा होने से पहले
सबने अपना अपना काम पूरा कर लिया
रात में अचानक धुआँधार वारिश की बूँदैं
पड़ने लगीं। सब अपने-अपने घर में
छिपकर वैठ गए।
वहाँ किसी
को कोई खतरा नहीं था। सब
चुटकी की समझदारी की
प्रशंसा कर रहे थे।
1. चुटकी काम पर कब जाती थी?
2 सारे पक्षी चुटकी की किस वात की प्रशंसा करते थे?
3. किसी खतरे का आभास होने पर चुटकी क्या करती थी?
4. एक दिन छुटकी को किस खतरे का आभास हुआ?
5. चुटकी की देखा देखी सब परिवार क्या करने लगे?
रात में अचानक धुआँधार वारिश की बूँदैं
पड़ने लगीं। सब अपने-अपने घर में
छिपकर वैठ गए।
Baccho Ki Kahani |
वहाँ किसी
को कोई खतरा नहीं था। सब
चुटकी की समझदारी की
प्रशंसा कर रहे थे।
अब , आपकी बारी
बताओ:-1. चुटकी काम पर कब जाती थी?
2 सारे पक्षी चुटकी की किस वात की प्रशंसा करते थे?
3. किसी खतरे का आभास होने पर चुटकी क्या करती थी?
4. एक दिन छुटकी को किस खतरे का आभास हुआ?
5. चुटकी की देखा देखी सब परिवार क्या करने लगे?